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कांवड़ यात्रा: जहर की फसल, सौहार्द्र के गुलाब

त्रिलोचन भट्ट एक जाने-माने कवि हैं यश मालवीय। उनकी एक कविता है, जो उन्होंने हाल के दौर में लिखी है। पहले हम उनकी कविता की कुछ पंक्तियां देखते हैं- दबे पैरों से उजाला आ रहा है फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है धुंध से चेहरा निकलता दिख रहा है…