बिना बैल बेचे स्याल्दे बिखोती पहुंचे चारुदा, झोड़ा भी गाया

चारु तिवारी चाहे बल्द बैचे जो, स्याल्दे जरूर जांण छू। आज स्याल्दे—बिखौती है आज द्वाराहाट में…

ढोल बिना पहाड़ सूना

ढोल पहाड़ की शान हैं। यदि कहा जाय कि ढोल के बिना पहाड़ सूने होते हैं…