पर्यावरण और जनमुद्दों के लिए समर्पित
चारु तिवारी चाहे बल्द बैचे जो, स्याल्दे जरूर जांण छू। आज स्याल्दे—बिखौती है आज द्वाराहाट में…
ढोल पहाड़ की शान हैं। यदि कहा जाय कि ढोल के बिना पहाड़ सूने होते हैं…